Last updated on February 18th, 2025 at 12:46 am
क्या आप जानते हैं कि sachin bansal, जिन्होंने Flipkart को भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बनाया, अब उन्होंने Navi Technologies के CEO पद से इस्तीफा दे दिया है? यह उनका दूसरा बड़ा एक्जिट है—पहले 2018 में उन्होंने Flipkart छोड़ा था, जब वॉलमार्ट ने कंपनी को खरीदा। पर इस बार की स्थिति कुछ अलग है! Taaza Jaankari पर जानिए Navi के CEO पद से इस्तीफे के पीछे की पूरी कहानी, कंपनी की चुनौतियां, और सचिन बंसल का अगला कदम।
sachin bansal का Navi से इस्तीफा: 5 बड़े पॉइंट्स
- CEO पद से कदम पीछे: सचिन बंसल ने Navi Technologies और उसकी सब्सिडियरी Navi Finserv के CEO पद से इस्तीफा दे दिया।
- नए CEO की नियुक्ति: अब राजीव नरेश Navi Technologies के CEO होंगे, जबकि अभिषेक द्विवेदी Navi Finserv के CEO बने हैं।
- सचिन की भूमिका: बंसल अब भी Navi के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बने रहेंगे और कंपनी में 95% से ज्यादा शेयर होल्डिंग्स के साथ मजबूत पकड़ रखेंगे।
- Flipkart से तुलना: 2018 में Flipkart छोड़ने के बाद यह बंसल का दूसरा बड़ा एक्जिट है, लेकिन इस बार यह एक “सोचा-समझा कदम” लग रहा है।
- समय की नजाकत: यह फैसला ऐसे वक्त आया है जब Navi को RBI की जांच, लोन के एनपीए, और यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस मिलने में नाकामी जैसी चुनौतियों का सामना है।
क्यों छोड़ा Navi का CEO पद? बंसल का अगला मूव क्या होगा?
sachin bansal के इस फैसले के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- नई लीडरशिप को मौका: बंसल ने कहा कि वह कंपनी के “फाउंडिंग टीम के अनुभवी लीडर्स” को आगे बढ़ने का मौका देना चाहते हैं।
- स्ट्रैटेजिक फोकस: चेयरमैन के तौर पर वह कंपनी के लॉन्ग-टर्म विजन और फंडिंग प्लान्स पर फोकस कर सकते हैं।
- रिगुलेटरी प्रेशर: RBI ने पिछले साल Navi के लोन ऑपरेशन्स पर रोक लगाई थी, हालांकि 45 दिनों में ही रोक हटा ली गई।
एक्सपर्ट्स की राय: इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि बंसल अब Navi के IPO या नई फंडिंग राउंड की तैयारी में जुट सकते हैं।
Navi की चुनौतियां: RBI से लेकर NPAs तक!
sachin bansal का इस्तीफा ऐसे वक्त आया है जब Navi Technologies कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है:
- RBI की नजर: 2022 में RBI ने Navi Finserv के लोन ऑपरेशन्स पर रोक लगा दी थी, क्योंकि कंपनी के हाई इंटरेस्ट रेट्स और लोन प्रैक्टिसेज पर सवाल उठे थे।
- एनपीए का बोझ: कंपनी के नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) बढ़ रहे हैं, जिससे प्रॉफिटेबिलिटी पर दबाव है।
- बैंकिंग लाइसेंस न मिलना: RBI ने Navi का यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस का आवेदन रिजेक्ट कर दिया, जो कंपनी के विस्तार के लिए जरूरी था।
- फंडिंग की जरूरत: Navi को ग्रोथ को बनाए रखने के लिए नई फंडिंग की तलाश है।
sachin bansal का सफर: Flipkart से Navi तक
- Flipkart का युग: 2007 में सचिन और बिन्नी बंसल ने Flipkart की शुरुआत की। 2018 में वॉलमार्ट ने $16 बिलियन में कंपनी खरीदी, और सचिन ने इस्तीफा दे दिया।
- Navi की शुरुआत: 2018 में ही बंसल ने Navi Technologies लॉन्च की, जो फिनटेक और हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में काम करती है।
- 95% एक्विटी: बंसल Navi के 95% से ज्यादा शेयर होल्डर हैं, जो उनकी कंपनी पर पकड़ को दिखाता है।
FAQ: Sachin bansal और Navi से जुड़े सवाल-जवाब
- Q: क्या सचिन बंसल Navi को पूरी तरह छोड़ रहे हैं?
A: नहीं, वह एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बने रहेंगे और कंपनी के स्ट्रैटेजिक फैसलों में शामिल होंगे। - Q: Navi का अगला CEO कौन है?
A: राजीव नरेश (Navi Technologies) और अभिषेक द्विवेदी (Navi Finserv)। - Q: RBI ने Navi पर क्यों रोक लगाई थी?
A: हाई इंटरेस्ट रेट्स और लोन प्रैक्टिसेज को लेकर RBI को चिंताएं थीं। - Q: क्या Navi का IPO आएगा?
A: कंपनी पहले से ही IPO की तैयारी में है, लेकिन मार्केट कंडीशन्स के कारण इसमें देरी हो सकती है।
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निष्कर्ष: क्या Navi बिना sachin bansal के आगे बढ़ पाएगी?
सचिन बंसल का CEO पद छोड़ना Navi के लिए एक बड़ा बदलाव है। हालांकि, उनकी मौजूदगी चेयरमैन के तौर पर और 95% शेयर होल्डिंग्स के साथ कंपनी को स्टेबिलिटी देगी। Navi की सबसे बड़ी चुनौती अब RBI के नियमों का पालन करते हुए ग्रोथ को बनाए रखना और नई फंडिंग जुटाना होगा।
नोट : ये जानकारी internet पर दी गई जानकारी के माध्यम से ली गई है.
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