श्रीकांत बोल्ला(Srikanth bolla): अंधेरों को चीरकर शार्क टैंक इंडिया तक का सफर!

नमस्ते दोस्तों! आज हम आपके लिए एक ऐसी शख्सियत की कहानी लेकर आए हैं, जो सचमुच “जहाँ चाह, वहाँ राह” वाली कहावत को सच कर दिखाती है। गूगल के ट्रेंड्स में छाए “श्रीकांत बोल्ला”(srikanth bolla) का नाम अब शार्क टैंक इंडिया के नए जज के तौर पर चर्चा में है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आईआईटी और स्टैनफोर्ड को ठुकराने वाला यह युवा उद्योगपति कैसे दुनिया भर में मिसाल बना? चलिए, आज बात करते हैं इस “दृढ़ इच्छाशक्ति के धनी” शख्स की ज़िंदगी के बारे में!

“मैं अंधा हूँ, लेकिन हौसले से भरपूर!”

श्रीकांत बोल्ला(srikanth bolla) का जन्म आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गाँव में हुआ। जन्म से ही दृष्टिहीन होने के कारण समाज ने उन्हें “कमज़ोर” समझा, लेकिन उनकी माँ ने कभी हार नहीं मानी। स्कूल जाने के लिए वह हर दिन किलोमीटरों पैदल चलते थे, मगर 10वीं में राज्य टॉप करके सबको हैरान कर दिया! फिर विज्ञान पढ़ने की जिद पर सरकार से लड़ाई लड़ी, और 12वीं में 98% अंक लाकर दिखाया कि “सीमाएँ सिर्फ दिमाग में होती हैं।”

“आईआईटी ने मना किया, तो MIT ने गले लगाया!”

भारत के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों ने श्रीकांत(srikanth bolla) को “असक्षम” बताकर दरवाज़े बंद कर दिए। पर उन्होंने हार नहीं मानी! दुनिया के बेस्ट यूनिवर्सिटीज को अप्लाई किया, और MIT (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) ने उन्हें दुनिया का पहला अंतरराष्ट्रीय दृष्टिबाधित छात्र बनने का मौका दिया। यहाँ से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने अमेरिका में नौकरी के बजाय भारत लौटकर समाज की सेवा करने का फैसला किया।

कचरा बना दिया “सोने” जैसा! बोल्लंत इंडस्ट्रीज की सफलता

2012 में सिर्फ ₹14 लाख (19,000 डॉलर) से शुरू की गई उनकी कंपनी बोल्लंत इंडस्ट्रीज आज 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा की टर्नओवर वाली कंपनी बन चुकी है। यह कंपनी इको-फ्रेंडली डिस्पोजेबल प्रोडक्ट्स बनाती है और 500 से ज्यादा लोगों को रोज़गार देती है, जिनमें कई दिव्यांग भी शामिल हैं। श्रीकांत(srikanth bolla) का मकसद साफ है: “अपनी सफलता से दूसरों को मौका देना।”

शार्क टैंक इंडिया: अब बन गए ‘शार्क’!

हाल ही में शार्क टैंक इंडिया के सेट से श्रीकांत(srikanth bolla) की तस्वीरें वायरल हुईं, जहाँ वे गौतम अडानी के बेटे जीत अडानी के साथ नज़र आए। उन्होंने कहा, “शार्क्स के बीच टिकने के लिए खुद को शार्क बनाना पड़ता है!” उनका मानना है कि यह शो भारत में उद्यमिता को नई उड़ान दे रहा है। साथ ही, उन्होंने शादी.कॉम के संस्थापक अनुपम मित्तल की तारीफ करते हुए कहा कि उनसे बिज़नेस की बारीकियाँ सीखना बेहद प्रेरणादायक था।

खेल से लेकर फिल्म तक: एक जीवट इंसान!

श्रीकांत(srikanth bolla) सिर्फ बिज़नेस ही नहीं, बल्कि ब्लाइंड क्रिकेट, शतरंज और तैराकी में भी नेशनल लेवल तक पहुँचे हैं। 2023 में रजकुमार राव ने उनकी ज़िंदगी पर बनी फिल्म ‘श्रीकांत’ में उनका किरदार निभाया, जिसने लाखों दिल जीते। इसके अलावा, उन्होंने हैदराबाद में “समन्वय सेंटर फॉर चिल्ड्रेन विद मल्टीपल डिसेबिलिटीज” की स्थापना कर दिव्यांग बच्चों के जीवन में रोशनी भरी।

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“आइडिया पर एक्शन लो, वरना कोई और ले जाएगा!”

शार्क टैंक में श्रीकांत(srikanth bolla) का यह संदेश युवाओं के लिए मंत्र की तरह है। उनका कहना है कि भारत में उद्यमिता अब सिर्फ पैसा कमाने का ज़रिया नहीं, बल्कि समाज की समस्याएँ सुलझाने का तरीका बन रही है। हालाँकि, वह निवेशकों को यही सलाह देते हैं कि “किसी भी आइडिया में पैसा लगाने से पहले उसकी पूरी रिसर्च करें और जिम्मेदारी से फैसला लें।”

आपकी बातचीत: क्या सोचते हैं आप?

दोस्तों, श्रीकांत(srikanth bolla) की कहानी से हमें क्या सीख मिलती है? क्या आपने शार्क टैंक का यह एपिसोड देखा? हमें कमेंट में बताएँ कि “जीवन में मुश्किलों से लड़ने का हौसला” आप कहाँ से लाते हैं? साथ ही, अगर आपके पास कोई बिज़नेस आइडिया है, तो उसे शेयर करना न भूलें!

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