कॉग्निज़ेंट(Cognizant) के कर्मचारियों को वेतन बढ़ोतरी का इंतज़ार: अगस्त तक क्यों टला फैसला? जानें पूरी कहानी

परिचय:
कल्पना कीजिए, साल भर मेहनत करने के बाद आपको वेतन बढ़ोतरी का इंतज़ार है, लेकिन कंपनी कहती है, “अभी रुको, अगस्त में बात करेंगे!” यही हाल कॉग्निज़ेंट(cognizant) के हज़ारों कर्मचारियों का है। आखिर क्यों IT कंपनियाँ वेतन बढ़ाने में देरी कर रही हैं? चलिए, इसके पीछे की वजहों को समझते हैं।


1. “हाईअर्स” की जगह “वेटिंग गेम”: क्या है पूरा मामला?

कॉग्निज़ेंट(cognizant) ने हाल ही में घोषणा की कि इस साल वेतन वृद्धि अगस्त से लागू होगी, जबकि आमतौर पर यह प्रक्रिया अप्रैल-मई में पूरी हो जाती है। यह पिछले दो साल में दूसरी बार है जब कंपनी ने ऐपरेज़ल (मूल्यांकन) में देरी की है। सीईओ एस रवि कुमार के मुताबिक, यह कदम कर्मचारियों के बीच “अट्रिशन” (कर्मचारियों का जल्दी छोड़कर जाना) रोकने के लिए उठाया गया है।

बोनस का अपडेट:

कर्मचारियों को मिलने वाले बोनस की जानकारी 11 मार्च तक मैनेजर्स द्वारा बताई जाएगी।


2. “अट्रिशन” क्यों बना IT कंपनियों के लिए सरदर्द?

अट्रिशन यानी कर्मचारियों का स्वेच्छा से नौकरी छोड़ना। 2024 के आखिर तक, IT सेक्टर में यह दर 15.9% पहुँच गई, जो 2023 के 13.8% से ज्यादा है। हैरानी की बात यह है कि कॉग्निज़ेंट का अट्रिशन रेट (16% के आसपास) TCS (13%), इंफोसिस (13.7%), और HCL (13.2%) से भी ऊपर है।

क्यों भाग रहे हैं लोग?

  • बेहतर सैलरी और पदोन्नति के लिए दूसरी कंपनियों में शिफ्ट होना।
  • वर्क-लाइफ बैलेंस और प्रोजेक्ट्स में अस्थिरता।

3. TCS और इंफोसिस भी कम कर रहे हैं वेतन वृद्धि?

IT सेक्टर में यह ट्रेंड सिर्फ कॉग्निज़ेंट(cognizant) तक सीमित नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक:

  • TCS: इस साल 4% से 8% तक ही वेतन बढ़ोतरी देगी, जबकि पिछले साल यह 6-10% थी।
  • इंफोसिस: कर्मचारियों को 5% से 8% तक ही इंक्रीमेंट मिलेगा।
  • वरिएबल पे: TCS के वरिष्ठ कर्मचारियों को अक्तूबर-दिसंबर 2024 का वरिएबल पे 20-40% तक ही मिलेगा।

कोविड बूम के बाद ठंडा पड़ा बाज़ार:

लॉकडाउन के दौरान IT कंपनियों को रिकॉर्ड प्रोजेक्ट्स मिले, लेकिन अब ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता के चलते प्रोजेक्ट्स कम हो गए हैं। इसका सीधा असर कर्मचारियों के वेतन पर पड़ रहा है।


4. पढ़ने वालों के लिए सुझाव: इन बातों का रखें ध्यान

  • नौकरी बदलने से पहले: सैलरी हाइक के साथ-साथ कंपनी की स्थिरता और ग्रोथ ऑप्शन्स भी चेक करें।
  • इन्वेस्टमेंट: अगर आप IT सेक्टर के स्टॉक्स में निवेश करते हैं, तो कंपनियों के अट्रिशन रेट और प्रॉफिट मार्जिन पर नज़र रखें। याद रखें, किसी भी निवेश से पहले अपनी रिसर्च पूरी करें या विशेषज्ञ से सलाह लें।
  • करियर प्लानिंग: टेक्निकल स्किल्स अपग्रेड करते रहें, ताकि मार्केट में आपकी डिमांड बनी रहे।

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क्यों है यह खबर महत्वपूर्ण?

IT सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो 50 लाख से ज्यादा लोगों को रोज़गार देता है। अगर बड़ी कंपनियाँ वेतन बढ़ोतरी में देरी करेंगी, तो इसका असर पूरे सेक्टर के मोरल और इकोनॉमी पर पड़ सकता है।

अंतिम बात:

कंपनियाँ कर्मचारियों को रोकने के लिए नए तरीके ढूंढ रही हैं, लेकिन इसका समाधान सिर्फ सैलरी हाइक नहीं, बल्कि बेहतर वर्क कल्चर और करियर ग्रोथ हो सकता है। अगर आप इससे जुड़े हैं या कोई राय रखते हैं, तो कमेंट सेक्शन में शेयर करें।

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