- 2025 के अंत तक रोल आउट होगी पहली स्वदेशी चिप।
- केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “सेमीकंडक्टर प्रोग्राम को मिला शानदार रिस्पॉन्स!”
- AI मॉडल पर भी तेजी से काम, अगले 10 महीने में होगा तैयार।
- ग्लोबल रैंकिंग: अमेरिका-चीन के बाद अब भारत की बारी!
“चीन-अमेरिका को टक्कर देगा भारत: अब देश में बनेंगी एडवांस्ड चिप्स!”
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि पहली ‘मेड इन इंडिया’ चिप 2025 के अंत तक बाजार में आ सकती है। यह भारत के टेक सेल्फ रिलायंस के सपने को सच करने की दिशा में अहम कदम है। अब तक चिप निर्माण में चीन, अमेरिका, और जापान का दबदबा रहा है, लेकिन भारत इस रेस में तेजी से शामिल हो रहा है।
क्या है पूरा प्लान?
- सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग:
- इक्विपमेंट और मटीरियल का स्थानीय उत्पादन बढ़ाया जाएगा।
- डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी पर फोकस: आईआईटी और प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर काम।
- वैश्विक पार्टनरशिप: ताइवान की कंपनी TSMC और अमेरिकी फर्मों के साथ बातचीत।
- AI पर जोर:
- स्वदेशी AI मॉडल 10 महीने में लॉन्च होगा।
- हेल्थकेयर, मौसम पूर्वानुमान, लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में AI का इस्तेमाल।
क्यों है यह महत्वपूर्ण?
- आत्मनिर्भरता: मोबाइल, लैपटॉप से लेकर डिफेंस तकनीक तक, चिप्स हर जगह जरूरी।
- रोजगार: मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से लाखों नौकरियां पैदा होंगी।
- ग्लोबल मार्केट: 2030 तक $1 ट्रिलियन के सेमीकंडक्टर बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी।
चुनौतियां क्या हैं?
- टेक्नोलॉजी गैप: अत्याधुनिक चिप्स बनाने के लिए रिसर्च और इन्वेस्टमेंट की जरूरत।
- चीन का दबदबा: दुनिया के 60% सेमीकंडक्टर चीन बनाता है।
- टैलेंट शॉर्टेज: स्पेशलिस्ट इंजीनियर्स और टेक्नीशियन्स की कमी।
AI में भारत की तैयारी
- सरकार का लक्ष्य: AI को हेल्थ, एजुकेशन, एग्रीकल्चर से जोड़ना।
- ग्लोबल रैंकिंग: AI में भारत टॉप-5 देशों में शामिल, लेकिन अमेरिका और चीन अभी भी आगे।
- स्टार्टअप्स को बढ़ावा: 2025 तक 10,000 करोड़ रुपये का फंडिंग प्लान।
पाठकों के सवाल (FAQ):
Q1. भारत की पहली चिप कब तक आएगी?
👉 केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, 2025 के अंत तक।
Q2. AI मॉडल किन क्षेत्रों में काम आएगा?
👉 स्वास्थ्य सेवा, कृषि, मौसम पूर्वानुमान, और यातायात प्रबंधन में।
Q3. चिप मैन्युफैक्चरिंग से रोजगार के क्या अवसर हैं?
👉 इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग, और रिसर्च में लाखों नौकरियां सृजित होंगी।
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चिप और AI के क्षेत्र में भारत की यह पहल न सिर्फ आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी, बल्कि वैश्विक पटल पर देश को तकनीकी महाशक्ति बनाने की दिशा में अहम कदम है। अब देखना है कि यह सपना कितनी तेजी से हकीकत बनता है!
नोट : यह जानकारी internet पर दी गई जानकारी के माध्यम से ली गई है। Source