क्या सच में ‘क्लासिक’ है भारतीय यात्रियों का ऐसा व्यवहार? Adam Ellick का वीडियो बना चर्चा का विषय

नमस्ते प्यारे Taaza Jaankari के दोस्तों! आज हम एक ऐसे मुद्दे पर बात करने जा रहे हैं जो पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर ज़ोरों से चर्चा में है। अमेरिकी फिल्ममेकर Adam Ellick ने भारतीय हवाई यात्रियों के व्यवहार को लेकर एक वीडियो शेयर किया है, जिसे उन्होंने “क्लासिक लैंडिंग इन इंडिया” कहकर वायरल कर दिया। पर क्या यह वाकई में “क्लासिक” है, या फिर यह एक पूर्वाग्रह से भरी टिप्पणी है? चलिए, साथ-साथ समझते हैं।


वीडियो में दिखा क्या?

Adam Ellick का यह क्लिप एक विमान के रनवे पर उतरने के तुरंत बाद का है। इसमें कुछ यात्रियों को सीटबेल्ट साइन बंद होने से पहले ही ओवरहेड बिन से सामान निकालते हुए दिखाया गया है। विमान कर्मचारियों ने बार-बार बैठने का अनुरोध किया, लेकिन कुछ यात्री तभी माने जब एक पुरुष कर्मचारी ने आवाज़ दी। वीडियो में यह भी दिखा कि महिला कर्मचारी की आवाज़ को कई बार नज़रअंदाज़ किया गया।


इंटरनेट पर क्या है रिएक्शन?

इस पोस्ट को 80,000 से ज़्यादा व्यूज और 2,220 लाइक्स मिले, लेकिन कमेंट्स में लोग दो खेमों में बंटे नज़र आए:

  1. समर्थकों की राय: कुछ यूजर्स ने इसे “सिविक सेंस की कमी” बताया और शर्मिंदगी जताई।
  2. आलोचकों का पक्ष: कई लोगों ने Adam पर “भारत को स्टीरियोटाइप” करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि अमेरिका, यूके जैसे देशों में भी देखा जाता है।

गौर करने वाली बात: एक यूजर ने लिखा, “महिला कर्मचारी की आवाज़ नज़रअंदाज़ होना चिंताजनक है… यह समस्या सिर्फ विमान तक सीमित नहीं।”


क्या यह सिर्फ “इंडियन” बर्ताव है?

Adam के दावे के उलट, कई यूजर्स ने टिप्पणियों में दुनिया भर के उदाहरण दिए:

  • अमेरिका: “13 बार यात्रा की, वहां भी यही हाल देखा।”
  • यूरोप: “जर्मनी और इटली में भी यात्री ऐसा करते हैं।”
  • भारतीय संदर्भ: “भीड़भाड़ और प्रतिस्पर्धा की वजह से लोगों में ‘जल्दीबाज़ी’ की आदत है।”

Taaza Jaankari की नज़र से: किसी एक घटना को पूरे देश या संस्कृति का प्रतीक बताना सही नहीं। हर समाज में अच्छे-बुरे दोनों पहलू होते हैं।

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सवाल यह भी: क्यों नहीं सुनाई देती महिलाओं की आवाज़?

वीडियो में एक चौंकाने वाला पहलू यह था कि यात्रियों ने पुरुष कर्मचारी की बात तुरंत मानी, जबकि महिला की आवाज़ अनसुनी रही। यह सिर्फ विमान तक की बात नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति होने वाले व्यवहार का एक छोटा सा प्रतिबिंब है।


आपकी क्या राय है?

हमारे पाठकों से सवाल:

  1. क्या आपने भी हवाई यात्रा के दौरान ऐसा व्यवहार देखा है?
  2. महिला कर्मचारी की आवाज़ को नज़रअंदाज़ करने को आप कैसे देखते हैं?
  3. क्या एक वीडियो से पूरे देश का स्टीरियोटाइप बनाना सही है?

कमेंट में अपनी बात ज़रूर शेयर करें!


Taaza Jaankari का संदेश:

हम आप तक सिर्फ तथ्य पहुंचाते हैं, आपकी समझ और विवेक पर छोड़ते हैं कि आप इसे कैसे देखें। याद रखिए, कोई भी निर्णय लेने से पहले संपूर्ण जानकारी जुटाना और गहराई से सोचना ज़रूरी है—चाहे वह यात्रा का व्यवहार हो या फिर निवेश का मौका!

हमेशा की तरह, Taaza Jaankari आपके लिए दिलचस्प और ज़रूरी जानकारियां लाता रहेगा। आपकी राय हमारे लिए मायने रखती है—इसलिए लाइक, शेयर और कमेंट करना न भूलें! 😊

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