रोशनी नादर मल्होत्रा: भारत की सबसे अमीर महिला की कहानी, जो बदल रही है कॉर्पोरेट इंडिया का नक्शा

नमस्ते दोस्तों! आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसी शख्सियत के बारे में, जिनका नाम इन दिनों गूगल पर छाया हुआ है। क्या आपने कभी सोचा है कि भारत की सबसे अमीर महिला कौन है? अगर आपका जवाब “रोशनी नादर मल्होत्रा” है, तो बिल्कुल सही! लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी यह उपलब्धि सिर्फ़ पैसे तक सीमित नहीं है? चलिए, आज हम आपको बताते हैं कि कैसे इस ताकतवर महिला ने न सिर्फ़ HCL टेक्नोलॉजीज की कमान संभाली, बल्कि शिक्षा और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर भी अपनी छाप छोड़ी है।


रोशनी नादर कौन हैं? एक संक्षिप्त परिचय

रोशनी नादर मल्होत्रा का जन्म 1982 में हुआ, और वह HCL टेक्नोलॉजीज की चेयरपर्सन हैं। उन्होंने अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से कम्युनिकेशन में डिग्री ली और फिर MBA किया। है न कमाल की बात? लेकिन यहां एक दिलचस्प मोड़ आता है: रोशनी ने अपने पिता, HCL के संस्थापक शिव नादर, से कंपनी की बागडोर संभाली, लेकिन उनकी पहचान सिर्फ़ एक बिज़नेस लीडर तक सीमित नहीं है।


“गिफ्ट” जिसने बनाया भारत की तीसरी सबसे अमीर शख्सियत

मार्च 2025 में, शिव नादर ने अपनी बेटी को HCL कॉर्पोरेशन और वामा दिल्ली में अपनी 47% हिस्सेदारी गिफ्ट की। यह सिर्फ़ एक पिता का उपहार नहीं, बल्कि एक सोची-समझी सक्सेशन प्लान था। इसके बाद, रोशनी अब HCL कॉर्पोरेशन की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर बन गईं। इसी के साथ, उनकी कुल संपत्ति ने उन्हें मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के बाद भारत की तीसरी सबसे अमीर महिला बना दिया।

क्या आप जानते हैं?

  • HCL कॉर्पोरेशन का मार्केट कैप ₹4 लाख करोड़ से भी ज़्यादा है!
  • रोशनी अब कंपनी के स्ट्रैटेजिक फैसलों में अहम भूमिका निभाएंगी।

कॉर्पोरेट जगत से आगे: रोशनी का सामाजिक सरोकार

रोशनी सिर्फ़ बोर्डरूम तक सीमित नहीं हैं। वह शिव नादर फाउंडेशन के ज़रिए शिक्षा को बढ़ावा दे रही हैं। इसके अलावा, वह द नेचर कंज़र्वेंसी और US-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम जैसे संगठनों में भी सक्रिय हैं। यानी, वह टेक्नोलॉजी से लेकर पर्यावरण तक, हर मोर्चे पर समाज की सेवा कर रही हैं।


क्या है उनकी पर्सनल लाइफ का स्टाइल?

रोशनी की शादी शिखर मल्होत्रा से हुई है, जो HCL हेल्थकेयर के वाइस चेयरमैन हैं। दोनों की जोड़ी ने बिज़नेस और फिलैंथ्रोपी दोनों में साथ मिलकर काम किया है। रोशनी का जीवन इस बात का उदाहरण है कि पारिवारिक ज़िम्मेदारियों और प्रोफेशनल लक्ष्यों के बीच बैलेंस कैसे बनाया जाए।


निवेशकों के लिए एक सलाह

दोस्तों, हमेशा याद रखें: कोई भी निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें। चाहे HCL के शेयर हों या किसी और कंपनी के, अपने फाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लेना न भूलें। हम आपको सिर्फ़ जानकारी देते हैं, सलाह नहीं!

इसे भी पढ़े :

समुद्र की गहराइयों का रहस्य: जानिए क्यों चर्चा में है ‘Deep Sea’ और क्या है ध्रुव राठी का कनेक्शन?

क्या सच में ‘क्लासिक’ है भारतीय यात्रियों का ऐसा व्यवहार? Adam Ellick का वीडियो बना चर्चा का विषय

NASA और SpaceX का ऐतिहासिक Launch! Sunita Williams की वापसी का रास्ता साफ, जानें Crew-10 मिशन की पूरी अपडेट


आपकी राय जानना चाहते हैं!

  1. क्या आपको लगता है कि पारिवारिक कारोबार में नई पीढ़ी का आना कंपनियों के लिए फायदेमंद होता है?
  2. कॉर्पोरेट लीडर्स का समाजसेवा में योगदान कितना ज़रूरी है?

नीचे कमेंट में अपनी राय शेयर करें। हमारे पिछले आर्टिकल “AI टेक्नोलॉजी के फायदे: मानवता के भविष्य को नई दिशा देने वाला चमत्कार” पर भी आपके विचारों का इंतज़ार रहेगा!

इस आर्टिकल को पढ़कर कैसा लगा? हमें कमेंट में बताएं और शेयर ज़रूर करें! 😊

(नोट : यह जानकारी internet  पर दी गई जानकारी के माध्यम से ली गई है।)

Leave a Reply