क्या बाजार की चमक फीकी पड़ रही है?
पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार में जोरदार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। 28 फरवरी 2025 को Sensex और Nifty में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसके पीछे वैश्विक आर्थिक हालात, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, और अमेरिका के टैरिफ नीतियों को मुख्य वजह बताया जा रहा है। लेकिन Zerodha के CEO निथिन कामथ(Nithin Kamath) ने इस मंदी से जुड़ा एक बड़ा इशारा किया है: “भारत में ट्रेडिंग वॉल्यूम तेजी से घट रहा है।”
निथिन कामथ ने क्या कहा?
एक सोशल मीडिया पोस्ट में कामथ ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में ब्रोकरेज इंडस्ट्री में 30% तक की कमी आई है। उनके मुताबिक, NSE के डेटा से पता चलता है कि सक्रिय ट्रेडर्स की संख्या और लेनदेन की मात्रा दोनों में गिरावट हुई है। उन्होंने कहा, “यह साफ दिखाता है कि भारतीय बाजार अभी भी बहुत छोटा है। ज्यादातर एक्टिविटी सिर्फ 1-2 करोड़ ट्रेडर्स तक ही सीमित है।”
सरकार के लिए चिंता की बात: STT राजस्व में गिरावट
कामथ(Nithin Kamath) ने एक बड़ी चेतावनी दी है। उनके अनुसार, अगर यही ट्रेंड जारी रहा, तो सरकार को Securities Transaction Tax (STT) से मिलने वाली आमदनी में भारी कमी होगी। FY 2025-26 में STT राजस्व 40,000 करोड़ रुपए तक गिर सकता है, जो सरकार के अनुमान (80,000 करोड़) से आधा है।
STT क्या है?
यह टैक्स शेयर, डेरिवेटिव्स, और म्यूचुअल फंड्स की खरीद-बिक्री पर लगता है। ट्रेडिंग कम होने से सरकार को कर संग्रहण में नुकसान होगा।
लगातार पांचवें महीने Nifty में गिरावट!
28 फरवरी को Nifty50 ने पांचवें महीने लगातार नुकसान दर्ज किया, जो पिछले 30 सालों में सबसे लंबी गिरावट है। बाजार के सभी प्रमुख सेक्टर लाल निशान में खुले, जिससे निवेशकों की चिंताएं और बढ़ गईं।
रेगुलेटरी बदलाव भी एक वजह?
कामथ(Nithin Kamath) ने हाल के कुछ नियामक बदलावों को भी ट्रेडिंग कम होने की वजह बताया। उदाहरण के लिए, “true-to-market” सर्कुलर के बाद से Zerodha को पहली बार 15 सालों में बिजनेस में गिरावट देखनी पड़ी है।
आगे क्या होगा?
विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक अनिश्चितताएं, FII का पैसा बाहर जाना, और घरेलू नियमों में बदलाव आने वाले महीनों में बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, लंबे समय में भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और घरेलू निवेशकों का भरोसा बाजार को संभालने में मदद कर सकता है।
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निवेशकों के लिए सुझाव:
- कोई भी निवेश करने से पहले अपनी जोखिम क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों को समझें।
- शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव में फंसने के बजाय लंबी अवधि पर फोकस करें।
- बाजार की खबरों और विशेषज्ञों की राय को ध्यान से पढ़ें, लेकिन अपने रिसर्च को प्राथमिकता दें।
अंतिम बात:
बाजार का उतार-चढ़ाव प्राकृतिक है, लेकिन जानकारी और सतर्कता से निवेशक इन हालात को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं। Taaza Jaankari आपको ऐसी ही अपडेट्स देता रहेगा।